हृदय-झील
हृदय-झील है, समय-कंकड,
प्रेम - परिधि है, सोच - लहरें।
झील में उतरते हैं कंकड़,
उछलती हैं लहरें।
कंकड़ों से होता है टकराव,
लहरों से होता है मिलन।
कंकड़ों से उठती हैं लहरें,
लहरों से टूटते हैं कंकड़।
झील में होता है संघर्ष,
झील में होता है प्रेम।
झील में होता है जीवन,
झील में होता है मृत्यु।
झील में होता है परिवर्तन,
झील में होता है स्थिरता।
झील है जीवन का प्रतीक,
झील है प्रेम का प्रतीक।
झील है संघर्ष का प्रतीक,
झील है मृत्यु का प्रतीक।
झील है परिवर्तन का प्रतीक,
झील है स्थिरता का प्रतीक।
स्वरचित एवं मौलिक
पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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