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खुश रखने हेतु खुबसूरत अदा तुम हो ।

खुश रखने हेतु खुबसूरत अदा तुम हो ।

मेरे हर मर्ज की अचुक दवा तुम हो ।।
लगे गर्मी तो आंचल से हवा करती हो ।
लगे ठंड तो आंचल से ढक लेती हो ।।
लगे धूप तो तेरा आंचल काम आता है ।
बरसात हो अगर तो आंचल हमारा छाता है ।।
हो वसंत तो फूलों सी महक आती है ।
तेरे साथ से ही दिल की बगिया खिल जाती है ।।
हम तेरे हैं , तुम मेरी हो , यही हमारा नाता है ।
हाथ पकड़ कर चलने से , उम्र कट जाता है ।। 
 जय प्रकाश कुंअर
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