Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

पशु माॅंगे प्यार

पशु माॅंगे प्यार

प्यार का भूखा हर कोई होता ,
चाहे जानवर हो या हो इंसान ।
सबको भेजा एक ही प्रभु ने ,
प्रेम प्यार ईश्वर का फरमान ।।
भोजन की कोई चिंता नहीं ,
चाहे भोजन हो रूखा सूखा ।
अमीरी गरीबी बात अलग है ,
हर कोई है प्यार का भूखा ।।
बच्चा बच्चा एक ही होता ,
होता नहीं कोई भेदभाव है ।
बछड़े और बच्चे को देखो ,
प्रेम मिलन गहरी ये चाव है ।।
हम सनातनी के गौ माता ,
जिन दूध से हम पलते हैं ।
गौ माता ही लक्ष्मी माता ,
जिनके बल‌ हम चलते हैं ।।
बच्चे बच्चे का प्रेम मिलन ,
जिनपर बच्चे मचलते हैं ।
एक दूजे से दूर कर देखो ,
शीघ्र ही आंखें मलते हैं ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ