राम अपने धाम पधारे

राम अपने धाम पधारे

मनोज कुमार मिश्र
आए आए राम मेरे आए हैं धाम अयोध्या।
पान सौ साल का बनवास अब जाके खतम हुआ, देखो खतम हुआ।
दीप जलाओ मंगल गाओ रंगोलियां बना।
आए आए राम मेरे आए हैं धाम अयोध्या।।
राम लला हम तेरे रंग में पहन लिए भगवा।
खुशी से फूले नहीं समाते तेरा मंदिर बन रहा।।
आए आए राम मेरे, आए हैं धाम अयोध्या।
माता सीता भी संग हैं फूलों से करो वंदना।
प्रभु का आंगन खूब संवारो मन से करो अर्चना।।
आए आए राम मेरे आए हैं धाम अयोध्या।
हर दिन मंगल होगा मेरे राम को धाम मिला।
तरसे नयनों ने प्रभु का जय जयकार किया।।
आए आए राम मेरे, आए हैं धाम अयोध्या।
उत्सव होगा मोद मनेगा गीत गायेंगी वल्लरी लता।
तुरही शंख के संग बजेंगे घड़ी घंट ढोल मृदंग यहां।।
आए आए राम मेरे, आए हैं धाम अयोध्या।
सरयू सरिता का जल निर्मल आज वेग से बह रहा।
मलयानिल भी अति प्रसन्न हैं देते हैं ठंडी हवा।।
आए आए राम मेरे, आए हैं धाम अयोध्या।
सारे मग में फूल बिछा दो पलकों से करो हवा।
मेरे राम पधारे अपने घर में कैसा अनुपम सुख मिला।
आए आए राम मेरे, आए हैं धाम अयोध्या।।
मनोज कुमार मिश्र
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