"क़लम से नहीं लिखे जाते"

"क़लम से नहीं लिखे जाते"

क़लम से नहीं लिखे जाते ..........
कुछ एहसास सिर्फ़ महसूस किए जाते हैं
वो एहसास जो हमारे दिल में छुपे होते हैं
वो एहसास जो शब्दों में बयां नहीं होते हैं

वो इश्क़ का बेपरवाह सा सूफियाना एहसास
या फिर किसी के लिए मोहब्बत का एहसास
या फिर किसी के जाने का गम का एहसास
या वो किसी के मिलने के सुख का एहसास

हमारे यह सब असंख्य एहसास ......
सिर्फ़ और सिर्फ़ महसूस किए जाते हैं
"कमल" क़लम से नहीं लिखे जाते
ये एहसास दिल में ही छुपे रहते हैं

हमारे ये एहसास दिल को खुश करते हैं
या फिर हमारे दिल को तोड़ भी देते हैं
ये एहसास जीने का मकसद देते हैं
या फिर दिल को जीने से थका देते हैं

हमारे वो आँसू जो हथेली में छुपे रहते हैं
वो हमारा दर्द जो शब्दों में बयां नहीं होता
जो सिर्फ और सिर्फ महसूस किए जाते हैं
कुछ एहसास हैं जो कभी लिखे नहीं जाते

तो आओ इन एहसासों को महसूस करें
और इन एहसासों को दिलों में छुपाए रखें

स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित 
 पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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