खेल खेले ईश सारे
मानव हो तुम कितना नादान ,महत्व देते विज्ञान को ये सारे ।
मानव नहीं कुछ तेरे वश का ,
किस बात की अहंकार प्यारे ।।
बनाते हो रेल बस यान सभी ,
सारे ही होते ईश्वर के इशारे ।
सफल असफल होते कुछ भी ,
होते सब एक ईश्वर के सहारे ।।
बिन चालक के गाड़ी चलाते ,
एक रिमोट के ही आधार पर ।
सबका चालक ऊपर बैठा है ,
सब निहित ईश्वर के सार पर ।।
तेरे वश की कुछ नहीं मानव ,
जिसका करते अहंकार प्यारे ।
अरुण दिव्यांश पुतला मानव ,
तेरे द्वारा खेल खेले ईश सारे ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com