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कल मैंने सुना था

कल मैंने सुना था

हवाओं ने रुख़ बदला है
कोहरे ने चादर तान दी है
मौसम ने भी रंग बदल डाला है।


वक़्त का फ़ायदा तो बुज़दिल लिया करते हैं
बहादुर वही जो मौत से भी लड़ा करते हैं।
एक किरण सूरज की आने तो दो,
कोहरे की चादर को तार तार कर देंगे
हवाओं का रुख़ बदल देंगे
कश्ती तुफान से पार निकाल देंगे
मौसम को मजबूर कर देंगे रंग बदलने पर
बहादुरी की पहचान करा देंगे।


अ कीर्ति वर्द्धन

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