Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

मोनोपली

मोनोपली

बड़ा विचित्र सा शब्द लगता है कभी कभी। किसी भी कम्पनी का मोबाइल और नैटवर्क हम प्रयोग करते हैं और उसके लिए पैसा देते हैं। मगर उसकी मोनोपली देखिए जब चाहा स्पीड कम, नैट वर्क गायब, महीना 28 दिन का बना दिया। इतना ही नहीं अगर आपने कोई प्लान एक वर्ष का लिया है और बीच में कभी रेट बढ़ गये तो आपका प्लान मोडिफाइ कर दिया और कभी दाम घटे तो पुराना प्लान चलेगा। जानते हैं क्यों, कन्ट्रोल उनके हाथ में है।
बिजली, पानी, पाईप लाईन गैस, टीवी केबिल और भी न जाने क्या क्या सब कुछ जिसमें भुगतान पहले हो अधिकतर सबमें यही हो रहा है।
किसी कम्पनी का टीवी, फ्रिज, कार स्कुटर बाईक या कोई भी सामान खरीदो, सर्विस कम्पनी का इंजिनियर ही आयेगा। सामान में कुछ कमी हो या न हो सर्विस विजिट चार्जेज देने पड़ेंगे। अगर आपने कहीं बाहर ठीक कराया तो आपकी वारंटी खत्म।
आजकल आन लाइन व्यापार घर घर तक घुस गया। हजारों कम्पनियों ने मकड़जाल की तरह जकड़ लिया। जिसमें अनेकों पैसा मंगाने के बाद सामान नहीं भेजती या खराब भेज देती हैं। कभी कभी तो पत्थर आदि भी आने की शिकायत भी पढ़ने को मिली। आप शिकायत करते रहें कोई जवाब नहीं यानि मोनोपली।
सोशल मिडिया की बात कर लो। हमारे देश में आकर हमसे ही कमाना और मोनोपली उनकी चाहे जिस पर बैन लगा दो ब्लाक कर दो। किस कन्टैंट पर यह भी नहीं पता।
पहले तो खुली छूट देकर आदत डाल दो फिर शुरु करो मोनोपली का खेल। अब देखिए फेसबुक ट्विटर जैसे प्लेटफार्म भारत सरकार को ही आंख दिखाने लगे।


दोस्तों आज हम सब इसी मोनोपली के गुलाम हो चुके हैं।

अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ