अंध भक्त आदमी हर क्षेत्र में पाया जाता है ।

अंध भक्त आदमी हर क्षेत्र में पाया जाता है ।

अटूट प्रेमी और विश्वासी ही अंध भक्त कहलाता है ।
जो ज्यादा बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करता है ।
वह सबमें मीन मेख निकालने में ही मरता है ।
चाहे भक्ति या राजनीति हो, गुण दोष सबमें रहता है ।
यही मानव स्वभाव है सब लोग ऐसा कहता है ।
हर व्यक्ति जन्म से ही सर्वगुण संपन्न नहीं है ।
आज समाज और देश को बांधे रखना आसान नहीं है ।
हर कोई किसी न किसी का पक्का अंध भक्त हैं ।
उसका प्रेम और विश्वास उसके प्रति खुब सशक्त है ।
वह उसकी सुनता है और उसे मानता है ।
उसके बताए हुए रास्ते पर आंख बंद कर चलता है ।
जिस दिन उकसाने पर वह ज्यादा सोचने लग जाएगा ।
प्रेम और विश्वास की कड़ी उस दिन टूट जाएगा ।
फिर लोग उक्ष्रिंखल होंगे, अपनी-अपनी राह होगी ।
विश्वास की कड़ी टूट जाएगी और जिंदगी तबाह होगी । 
 जय प्रकाश कुंअर
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