सही कर्म की कसौटी

सही कर्म की कसौटी

“सक्ताः कर्मण्यविद्वांसो यथा कुर्वन्ति भारत।
कुर्याद्विद्वांस्तथासक्तश्चिकीर्षुर्लोकसंग्रहम्।।”

हे अर्जुन ! कर्म में मुग्ध अज्ञानी लोग जैसे कर्म किया करते हैं ! उसी प्रकार ज्ञानी लोगों को बिना मुग्ध हुए, लोक कल्याण की भावना से कर्म करने चाहिए।

जीवन में कर्म करना आवश्यक है। बिना कर्म के जीवन अधूरा है। लेकिन कर्म का चुनाव करते समय हमें सावधानी बरतनी चाहिए। हमें यह सोचना चाहिए कि हम जो कर्म कर रहे हैं, उसका उद्देश्य क्या है? क्या हमारा कर्म किसी को नुकसान पहुंचा रहा है?

गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि सही कर्म वह नहीं है जिसके परिणाम हमेशा सही हों। सही कर्म वह है जिसका उद्देश्य कभी गलत न हो।

जीवन में हम कई बार ऐसे निर्णय लेते हैं जिनका परिणाम हमारे अनुमान से बिल्कुल अलग होता है। कभी-कभी हमारे अच्छे कर्म भी बुरे परिणाम देते हैं, और कभी-कभी बुरे कर्म भी अच्छे परिणाम देते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जीवन में अनिश्चितता का एक बड़ा हिस्सा होता है।

लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सही कर्म का मूल्य उसके परिणाम से नहीं, बल्कि उसके उद्देश्य से निर्धारित होता है। अगर हमारा उद्देश्य किसी का भला करना है, तो चाहे परिणाम कुछ भी हो, हमने सही कर्म किया है।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप एक गरीब व्यक्ति को पैसे देते हैं। हो सकता है कि वह व्यक्ति पैसे का गलत इस्तेमाल करे और फिर भी आप पर आरोप लगाए। लेकिन अगर आपका उद्देश्य उस व्यक्ति की मदद करना था, तो आपने सही कर्म किया है।

इसी तरह, मान लीजिए कि आप किसी व्यक्ति को सजा दिलाने के लिए झूठ बोलते हैं। हो सकता है कि वह व्यक्ति वास्तव में दोषी हो, लेकिन अगर आपका उद्देश्य उस व्यक्ति को सजा दिलाना था, तो आपने गलत कर्म किया है।

इसलिए, जब भी हमें कोई निर्णय लेना हो, तो हमें अपने उद्देश्य पर ध्यान देना चाहिए। अगर हमारा उद्देश्य सही है, तो हमें अपने कर्म से पीछे नहीं हटना चाहिए।
सही कर्म का महत्व

सही कर्म का महत्व इस बात में निहित है कि यह हमें एक बेहतर इंसान बनाता है। जब हम सही कर्म करते हैं, तो हम दूसरों के प्रति दयालु और करुणावान बनते हैं। हम दूसरों की मदद करने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होते हैं।

सही कर्म का हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह हमें खुश और संतुष्ट बनाता है। यह हमें समाज में एक सम्मानित स्थान दिलाता है।

निष्कर्ष
जीवन में हम सभी को सही कर्म करने का प्रयास करना चाहिए। चाहे परिणाम कुछ भी हो, हमें अपने उद्देश्य पर दृढ़ रहना चाहिए। सही कर्म हमें एक बेहतर इंसान बनाता है और हमारे जीवन को बेहतर बनाता है।
"सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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