पीते जो एक घाट पर, शेर और बकरी पानी,
बकरी खा लेती घास, शेर की जान थी जानी।भूखा रहकर कैसे रहता, जंगल में वह जिन्दा,
हो जाता कमजोर, आँख दिखाती बकरी रानी।
बिन ताकत कैसे फिर, जंगल का राजा कहलाता,
करता नही शिकार अगर, खुद शिकार हो जाता।
संतुलन भी बिगड़े जंगल का, हिरन बकरी बढ़ते,
मांसाहारी शेर भला, कैसे शाकाहारी पशु बन पाता?
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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