अनपढ़ हुकूमत करता है
प्रजातंत्र का संविधान यह ,सदा हमें संबोधित करता है ।
न हो अंधा लूला गूंगा बहरा ,
लंगड़े को आदेश नहीं देता है ।।
शिक्षा का नहीं लेखा जोखा ,
कोई भी सिंहासन बैठता है ।
शिक्षित बैठता विनम्र होकर ,
अनपढ़ बैठते ही ये ऐंठता है ।।
किंतु संविधान में है लिखित ,
कर सकते हैं अस्वीकार नहीं ।
भले व्यवहार में हो उद्दंडता ,
भले ज्ञान भली प्रकार नहीं ।।
होता नहीं तब देश विकास ,
हर कोई से ही वह लड़ता है ।
भले कोई पीएचडी किया हो ,
एक अनपढ़ हुकूमत करता है ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com