कुछ तो मिला है

कुछ तो मिला है

उम्मीदों के दिये लेकर
निकलते है हम रोज।
मिलेगा हम को फल
हमारे ही कर्मो का।
मगर किस्मत का देखो
अलग अंदाज होता है।
मन कुछ और होता है
मिल कुछ और जाता है।।


सभी के भाग्य में विधाता ने
अलग अलग लिखा है।
जो जिसकी चाहत रखता है
उसे वो मिल भी सकता है।
बस अपने कर्मो को तुम्हें
सही दिशा जो देना है।
तभी परिणाम तुम को
उसी के अनुरूप मिलेंगे।।


सफलता और असफलता का
हम स्वयं कारण होते है।
दिलमें कुछ होता है और
लक्ष्य कुछ और होता है।
पर पाने की चाहत
दिल दिमाग में रहती है।
इसलिए तो कुछ न कुछ
हम जीवन में पा जाते है।।


जय जिनेंद्र 
संजय जैन "बीना" मुंबई
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