कौन कहता है दुख का दरिया ज़िन्दगी,
हमने देखा ख़ुशियों की सौग़ात ज़िन्दगी।पीत पत्र टूटकर गिरते धरा पर डाल से,
नव सृजन की आस तब देती है ज़िन्दगी।
नकारात्मक सोच ले कुछ निराशा से भरे,
तम में भी आस, विश्वास देती ज़िन्दगी।
पुष्प कहता मुस्कुराओ, खार के बीच भी,
खार भी अपने लगें कह रही है ज़िन्दगी।
माना कि उलझनें होती जीवन में बहुत,
उलझनों से पार पाना सिखाती है ज़िन्दगी।
होता कुछ बहुत बुरा ऐसा सबको लगे,
हरपल नया रंग दिखाती है ज़िन्दगी।
अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com