Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

बेटियाँ

बेटियाँ

उड रही हैं बेटियाँ, उस उडान की तरफ,
अंजान जिसकी मंजिल, मुकाम की तरफ।
विस्तृत गगन सामने, कोमल पर लिये,
धरा छोड बढ रही, आसमान की तरफ।

है गगन विशाल सामने, सूरज भी जल रहा,
उडने की ललक है, मन्जिल का नही पता।
हों बाज से प़ंख, और वापसी का भान भी,
आगे बढ़ रही बेटियों को, इतना तो दो जता।

आगे बढ़ें बेटियाँ, यह अच्छी बात है,
मंज़िल का पता हो, यह अच्छी बात है।
दायित्व हमारा, संस्कार संस्कृति सिखाना,
नया इतिहास बनायें, यह अच्छी बात है।

अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ