आज तुम पैसा के बल पर ,
मुझ पर अपनी हकदारी जमा रहे हो ।तुम वफ़ा का मतलब जानते ही नहीं ,
आज मतलब है तो फिर वफादारी जना रहे हो ।
आज हमें पैसे की जरूरत है ,
और तुम्हें हवस की जरूरत है ।
हमारी तुम्हारी जरूरतें अलग अलग हैं ,
अब हमारे तुम्हारे रास्ते अलग अलग हैं ।
जिस दिन तुम्हारे प्यार में ,
हमनें तुमसे धोखा खायी थी।
कुछ बचा नहीं था अब खोने को ,
इस लिए यह राह अपनायी थी ।
अब यह घिनौनी जीवन हीं ,
मेरी बची खुची जिन्दगानी है ।
मेरे जीवन को नरक में पहुंचाने वाले ,
आज मुझे ऐसे देख कर तुम्हें कैसी हैरानी है ।
अब जाओ यहां से ऐ हवसी पुरुष ,
पर जाते-जाते यह जरूर ध्यान रखना ।
झूठे प्यार के बंधन में बांध ,
फिर किसी मासूम को यों बर्बाद न करना ।
जय प्रकाश कुंअर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com