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प्रेम राधा ने किया था श्याम से

प्रेम राधा ने किया था श्याम से,

प्रेम सबरी ने किया था राम से।
प्रेम दीवानी तो जग में मीरा भई,
जहर को अमृत, पी गई शान से।


यही समर्पण राधा का जग ने देखा,
यही समर्पण मीरा का सब ने देखा।
भक्ति भाव में हनुमान सभी से आगे,
यही समर्पण सबरी का राम ने देखा।


श्याम राधा के संग सदा रहने लगे,
मीरा को दिवानी, जग में कहने लगे।
सबरी की कुटिया में झूठे बेर खाकर,
भक्ति का पर्याय राम कहलाने लगे।

डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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