रम रहे हो सब मे राम!
जगत में एक तेरा ही नामतुझे है बारं बार प्रणाम!
जगत में एक तेरा ही नाम
शील-क्षमा के उतुंग शिखर हो!
प्रेम का सागर वहां, जिधर हो!
तुम हो करुणा के धाम!
जगत में एक तेरा ही नाम।
सौम्य-शक्ति के मिलन बिन्दु ज्यों!
क्षितिज से जा मिल रहा सिन्धु हो!
नित गाता तुमको साम!
जगत में एक तेरा ही नाम।
पौरुष की परिभाषा तुम से!
सीता की अभिलाषा तुम से!
हर मन का तूही धाम!
जगत में एक तेरा ही नाम ।
तुझ से जो कोई नेह लगाता!
भव-सिन्धु से वह तर जाता!
तुम हो कृपा निधान!
जगत में एक तेरा ही नाम ।
# डा अनिल सुलभ
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com