काश अगर मैं बच्चा होता-

काश अगर मैं बच्चा होता-

किसी पेड़ पर मैं चढ़ जाता।
खेल खेलता संग मिल उसके,
उछल कूद डाली पर जाता।
ख़ूब नहाता बारिश की बूँदों में,
कागज की निज नाव चलाता।
छप छप करता दौड़ लगाता,
माँ डाँटे, दादी के पीछे छिप जाता।
भूख लगी तो मक्खन रोटी भाती,
कभी दूध संग मैं रोटी खाता।
काश अगर मैं बच्चा होता
रोज़ कहानी किस्से सुनता।
बच्चों संग मिल खेल खेलना,
लुका छिपी ऊँच नीच सुहाता।
पापा के संग उपवन में जाता,
हरी घास पर दौड़ लगाता।
रंग बिरंगी तितली भौंरों संग,
फूल फूल पर उनके पीछे जाता।

डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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