राम के काम में जो, व्यवधान खड़े कर रहे थे,
राम काल्पनिक, नित दिन शंखनाद कर रहे थे।आज आतुर राम दृश को, निमंत्रण राह निहारते,
राम सेतु अस्तित्व पर, जो शपथ पत्र दे रहे थे।
राम यात्रा पर प्रतिबंध, डाला था भक्तों को जेल में,
गोधरा में रामभक्तों को जिन्होंने, भून डाला था रेल में।
निहत्थे राम भक्तों पर, गोली चला गौरवान्वित हो रहे थे,
राम का गुणगान कर रहे, सत्ता पाने को आतुर खेल में।
आक्रांता जिनको प्रिय, नहीं राम से कोई काम था,
मुस्लिम तुष्टिकरण के हित, सनातन बदनाम था।
बाबरी मस्जिद की ख़ातिर, राम मन्दिर नकारते थे,
कोट पर जनेऊ, जिनके लिए राम नाम अपमान था।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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