राम विरोधियों
भेजा निमंत्रण आपको, यह बतलाने को,मन्दिर वहीं बन रहा, संकल्प जतलाने को।
राम के काज में, राक्षसों का स्थान नहीं है,
राम भक्त पूजन करेंगे, यह समझाने को।
राम को काल्पनिक, आप सब बताते रहे,
राम सेतु अस्तित्व पर, प्रश्न उठाते रहे।
बन गया भव्य मन्दिर, ब्रह्माण्ड निहारता,
आप मन्दिर निर्माण में, पलीता लगाते रहे।
अट्टालिकाओं को देखकर, हर्षित जन जन यहाँ,
राम नव मन्दिर विराजें, पुलकित तन मन यहाँ।
यज्ञ हवन में व्यवधान, राक्षस सदा करते रहे,
यज्ञ की रक्षा के हेतु, श्री राम का आगमन यहाँ।
राम राज्य की बातें, शास्त्रों में बताई गई,
वर्तमान में रामराज्य, कल्पनायें गढ़ी गई।
यज्ञ हवन सत्य सनातन, धर्म काज बढ़ने लगा,
राष्ट्र में फिर राम राज्य, सम्भावनाएँ बढ़ गई।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
५३ महालक्ष्मी एनक्लेवमुज़फ़्फ़रनगर २५१००१
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