अवध में स्वागत बा श्रीराम!

अवध में स्वागत बा श्रीराम!

मार्कण्डेय शारदेय
अवध में स्वागत बा श्रीराम!
अवध में स्वागत बा श्रीराम!
बहुत दिनन से बेघर रहलीं, आईं अपना धाम।
अवध में स्वागत बा श्रीराम!
जीवन-कला सिखाईं आईं,
ऊँच-नीच के भेद मिटाईं,
प्रेम दया करुणा पौरुष में बिहरीं आठो याम।
अवध में स्वागत बा श्रीराम!
देखीं का बा हाल देश के,
जन-जीवन के आ जनेश के,
स्वार्थ-स्वार्थ में युद्ध मचल बा, कर दीं काम तमाम।
अवध में स्वागत बा श्रीराम!
रावणत्व सगरे फइलल बा,
भय-आतंक फफन पसरल बा,
छन में दोस्ती हो जाले आ छन में कत्लेआम।
अवध में स्वागत बा श्रीराम!
व्यभिचारिन खातिर सुकाल बा,
सुपथिन खातिर ई दुकाल बा,
लूट मचावेवाला सुख में श्रमिकन के विधि वाम।
अवध में स्वागत बा श्रीराम!
रउरा आइबि शासन आई,
सुख-साम्राज्य सगरियो छाई,
बाघ बकरियन के साथे ले घूमी सुबहोशाम। 
अवध में स्वागत बा श्रीराम!
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