तलाक़ हलाला पुनः विवाह।
हनीमून कुछ दिवस सुलह।फिर तू तू मैं मैं कुछ कहासुनी,
थोड़े समझौते फिर शुरू कलह।
तलाक़ हलाला पुनः विवाह।
एक दूजे बिन रह न पायें,
आओ फिर से करें सुलह।
मेरी ख़ामी पर परदा डालो,
अब नहीं करेंगे कभी कलह।
तलाक़ हलाला पुनः विवाह।
अ कीर्ति वर्द्धन
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