हिन्दी दिवस पर
हिन्दी नहीं बताशा मीठा, मुँह में रखकर खा जाओ,हिन्दी तो है गंध कस्तुरी, अपनाकर जीवन महकाओ।
हिन्दी संस्कारों की जननी, जीवन को संस्कार सिखाती,
संस्कृत की छोटी बहना, यह संस्कृति का सार सिखाती।
सरल सहज वैज्ञानिक भाषा, मानवता से इसका नाता,
हिन्दी लिखना- हिन्दी पढ़ना, हिन्दी में कहना भाता।
हिन्दी नहीं मात्र हिन्द की, इसकी दुनिया है दीवानी,
विश्व पटल पर जन जन को, लगती यह जानी मानी।
गर्व हमें हिन्दी भाषा पर, सम्पूर्ण विश्व मे बोली जाती,
हिन्दी सर्वश्रेष्ठ भाषा है, यह गौरव का अहसास कराती।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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