राम साँसों में बसे, राम ही हैं चेतना,
राम तन मन मेरे, राम ही हैं प्रेरणा।रज कण में राम हैं, घट में भी राम,
कतरा कतरा राम का, राम ही भावना।
संतो की वाणी में राम, हनुमान के तन में राम,
शबरी के बेरों में राम, सीता के मन बसे राम।
मारीच की कामना राम, लक्ष्मण के आदर्श राम,
अहल्या उद्धारक राम, सृष्टि के संवाहक राम।
कौशल्या के दुलारे राम, केवट के सखा राम,
यज्ञ सुरक्षा तत्पर राम, बाली को मोक्ष दिलाते राम।
रावण के चिंतन में राम, विभीषण के प्रभु श्री राम,
विष्णु के अवतारी राम, अन्तिम सत्य कहलाते राम।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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