भारत को विश्व गुरु बनाना, ठान लिया है,

भारत को विश्व गुरु बनाना, ठान लिया है,

भगवा ध्वज गगन फहराना, ठान लिया है।
राष्ट्रवाद प्रबल होगा, धर्म सनातन प्रमुख,
आतंकियों को मौत दिलाना, ठान लिया है।

हो मतदान या रक्तदान, राष्ट्र हित में प्रथम,
धर्म क्षेत्र या युद्ध क्षेत्र, उस पर प्राण समर्पण।
धर्म सनातन भगवा ध्वज, राष्ट्र ध्वज तिरंगा,
राष्ट्र ध्वज की आन बान, अपना जीवन अर्पण।

दिया राष्ट्र ने हमें बहुत, कुछ अपना कर्तव्य,
गद्दार कोई न बचे देश में, यह अपना कर्तव्य।
कर्तव्य की बलि वेदी पर, हो जायें बलिहारी,
मतदान शत प्रतिशत हो, यह अपना कर्तव्य।

डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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