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जब नैन मिले तब चैन मिले

जब नैन मिले तब चैन मिले ,

केवल बातों से क्या होता है।
कुछ देर चहकता है पंछी ।
फिर स्वयं खामोश हो जाता है।
यह कहना है आसान बहुत ,
प्यार दूर भी रह कर होता है ।
अपना प्रेमी जब पास न हो ,
यह मन फिर आपा खोता है ।
सुख में तो बातें होती हैं ,
मन दुख में किसे बुलाएगा ।
जब आंखों से आंसू निकले ,
उसे कौन पोंछने आएगा ।
कोई जितना भी दिल से चाहे ,
पर संग भी बहुत जरूरी है ।
अपने अपने दायित्व हेतु ,
यह दूरी प्रेम की मजबूरी है । 
 जय प्रकाश कुंअर
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