गाँधी जी का सम्मान करते हैं,
नेतृत्व क्षमता को प्रणाम करते हैं।मगर
गाँधी के रामराज्य में कोई, हिन्दू हित की बात नहीं,
मुस्लिम तुष्टिकरण प्रमुख था, सनातन की बात नहीं।
व्यभिचार पर आँख मूँद, खुद नग्न सोया करते थे,
ब्रह्मचर्य प्रयोग बताया था, यह कोई झूठी बात नही।
खिलाफत आन्दोलन में गाँधी ने, बोलो किसका साथ दिया था,
यह भारत का झगड़ा था या गाँधी ने मुगलों का साथ दिया था?
हिन्द बँटा था दो टूकडों में, मुस्लिमों को पाकिस्तान मिला था,
गाँधी ने किसकी हमदर्दी में, क्यों अनशन को अन्जाम दिया था?
हिन्दु हित में कब कब गाँधी ने, कोई आंदोलन चलवाया,
राष्ट्र हितों को सम्मुख रख, कब न्याय का परचम फहराया?
जवाहर लाल के हित आगे रख, पटेल हासिये ढकेल दिये,
राम राज्य की परिकल्पना कर, राम का ही मखौल उड़ाया?
देश बँट गया धर्म नाम पर, महत्वका़ंक्षा जवाहर- जिन्ना की,
लाखों हिन्दू कत्ल हो गये, यह सफलता बताई अहिंसा की।
सुभाष भगतसिंह चन्द्रशेखर को, जो आतंकवादी बता रहे,
बस मन्दिर में अजान कल्पना, देखी गाँधी और जिन्ना की।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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