लेखनी की स्याही खत्म होना

लेखनी की स्याही खत्म होना

यानि
एक व्यवधान का पैदा होना
प्रेरित करता है
नयी राह,
सोच को जन्म देने का।


बिना प्रयास
योग्यता से अधिक पाने की चाह
अवांछित तरीकों से
शीर्ष पर छाने की चाह
और
अक्सर असफल हो जाने पर
अंगूर खट्टे
मुहावरे को
सत्य साबित करने के लिये
पिस्ट पेषण करने वाले
लोगों की सोच
व कुंठा है यह
कविता कहानी के
भविष्य पर
प्रश्न चिन्ह लगा देना।

अ कीर्ति वर्धन
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