Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

तेरा स्पर्श मुझे रोमांचित कर गया,

तेरा स्पर्श मुझे रोमांचित कर गया,

एक ही पल में मेरा जीवन बदल गया।


तेरी चाहत मेरे ख्वाबों में बस गई,
मेरी साँसों पर कोई जादू सा कर गया।


जीने का कोई मकसद मेरे पास न था,
अब मरने का कोई बहाना न रह गया।


तेरे तवस्सुर ने मुझे इस तरह तडफाया,
सहर के सपने में भी दीदार नज़र आया।


सहर के ख्वाब ही तो जिया करते हैं,
सच्चाई के करीब हुआ करते हैं।


मैंने तुमसे हरदम चाहा दिल की बात कहूँ,
तेरी आँखों के दर्पण में अपने ख्वाब पढ़ूँ।


कल तेरे स्पर्श ने मुझको जिला दिया,
ख्वाबों को गढ़ने का अवसर दिला दिया।


तेरी आँखों में मैंने यह दीदार किया है,
तुने भी अपनी चाहत का इजहार किया है।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ