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देख कर हालात मुश्किल, घबरायें क्यों,

देख कर हालात मुश्किल, घबरायें क्यों,

जीत की ख़ातिर बढ़े, हार पर शर्मायें क्यों?
हम सदा विजयी रहेंगे, यह तो सम्भव नही,
कब समय करवट बदल ले, पछतायें क्यों?


जब तलक है जान, हम बढ़ते रहेंगे,
मुश्किलें कितनी भी, हम लड़ते रहेंगे।
यूँ सिमट कर तन्हाईयों में, क्या मिलेगा,
मुश्किल हालात में नये रास्ते गढ़ते रहेंगे।

डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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