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"वेलेंटाइन डे - एक हास्य कविता"

"वेलेंटाइन डे - एक हास्य कविता"

वेलेंटाइन डे आया है,
प्यार की बयार बहने लगी।
हर तरफ लाल गुलाबों की,
खुशबू मन को भाने लगी


पहली नजर का वो प्यार,
जैसे दिल में हो बसा हुआ।
लेकिन अब वो प्यार, थोड़ा बदल गया,
जैसे मोबाइल में हो फंसा हुआ।


पहले तोहफे में देते थे,
लाल गुलाब और प्यार भरे पत्र।
लेकिन अब तोहफे में देते हैं,
मोबाइल और स्मार्टफोन.


पहले प्यार में पड़ने के लिए,
देखते थे एक दूसरे की आंखों में।
लेकिन अब प्यार में पड़ने के लिए,
देखते हैं एक दूसरे की व्हाट्सएप स्टोरी में।


पहले प्यार का इजहार करते थे,
प्यार भरे शब्दों से।
लेकिन अब प्यार का इजहार करते हैं,
इमोजी और स्टिकर से।


वेलेंटाइन डे का त्योहार,
प्यार का त्योहार है।
लेकिन इस त्योहार में,
हंसी मजाक भी होता है।


तो आइए इस त्योहार को,
प्यार और हंसी मजाक के साथ मनाएं।
और अपने जीवन को,
खुशियों से भर दें।


. स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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