Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

जीना है तो मरना सीखो, गर पाना है तो खोना सीखो,

जीना है तो मरना सीखो, गर पाना है तो खोना सीखो,

सुबह उजाला गर चाहो तो, अन्धकार से लड़ना सीखो।
मिलन पिया की आस हृदय में, तन्हाई संग जीना सीखो,
निर्भरता मानव की दुश्मन, निज पैरों पर चलना सीखो।
खुद को आदर पाना चाहो, खुद भी आदर देना सीखो।
माना रिश्ते अहम् जगत में, काम को प्रथम करना सीखो।
अपनी पीड़ा बहुत बड़ी है, मौन हृदय की पीड़ा सीखो,
नहीं बरसता नीर नयन से, मौन नयन की व्यथा सीखो।
बाधायें हों जब भी राहों में, तुम नये रास्ते गढ़ना सीखो,
दर्द बहुत है दिल में अपने, हमसे हँसकर बढ़ना सीखो ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ