जीकेसी के स्थापना दिवस के अवसर पर जीकेसी के कला-संस्कृति प्रकोष्ठ ने आयोजित की संगीतमय संध्या

जीकेसी के स्थापना दिवस के अवसर पर जीकेसी के कला-संस्कृति प्रकोष्ठ ने आयोजित की संगीतमय संध्या

हमारे दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर
पटना,(दिव्य रश्मि)।विश्वस्तरीय कायस्थ संगठन जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) की स्थापना के तीन स्वर्णिम वर्ष पूरे होने के अवसर पर कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की ओर से वर्चुअल संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया।
संगीतमय कार्यक्रम में सभी कलाकारों कायस्थ रत्न मन्ना डे, मुकेश,सोनु निगम,संगीतकार सचिन देव बर्मन,राहुल देव बर्मन,चित्रगुप्त, आनंद-मिलिंद के गाये और संगीतबद्ध गीतों पर प्रस्तुति दी।संगीतमय कार्यक्रम की परिकल्पना जीकेसी के राष्ट्रीय सचिव सह कला-संस्कृति प्रकोष्ठ प्रभारी दीप श्रेष्ठ ने तैयार की जबकि संयोजन कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने किया।संगीतमय कार्यक्रम को दीप श्रेष्ठ और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सोमिका श्रीवास्तव ने होस्ट किया।
इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के स्वर्णिम तीन वर्ष पूरे होने पर सभी को बधाई। हमारा लक्ष्य बहुत बड़ा है और हमे निरतंरता के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिये।भारतीय फिल्म जगत के स्वर्णिम इतिहास में कायस्थ कलाकारों की भूमिका अविस्मरणीय रही है। कायस्थ समाज के कलाकारों का गौरवशाली इतिहास रहा है। पुराने दौर में मोती लाल,शोभना समर्थ,मुकेश और चित्रगुप्त से लेकर नये दौर मे सोनु निगम,श्रेया घोषाल और ऋतिक रौशन जैसे कायस्थ कुलीन कलाकारों ने फिल्म ,संगीतजगत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। चित्रगुप्त के गीत आज भी अमर है।
इस अवसर पर जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा कला और संस्कृति समाज की रीढ़ है और चेतना का माध्यम है इसे अपसंस्कृति से बचाने एवं गुणवत्ता के लिए संकल्पित है जीकेसी का कला संस्कृति प्रकोष्ठ संकल्पित है। कला और संस्कृति के माध्यम से हम सब फिर से ऊर्जावान हो, यही सोच लेकर ये कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।समाज के रचनात्मक उत्थान के लिए नई पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ना और जागृत करने के लिए जीकेसी प्रतिबद्ध है।
दीप श्रेष्ठ ने कहा कायस्थ फ़िल्मी कलाकारों के सम्मान मे जीकेसी ने संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया है।जिस तरह 01 फ़रवरी को एक दीया जीकेसी के नाम जला कर आप सभी कायस्थ बन्धुओ ने समर्थन दिया जीकेसी परिवार के हर एक सदस्य ने देश-विदेश में कार्यक्रम में सहयोग दिया ।उसी तरह फ़िल्मो में कायस्थो के द्वारा गाये गीत संगीत को आज के मंच पर गाकर जीकेसी का हर सदस्य खुश है।
प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में जुबिन सिन्हा,मृणालिनी अखौरी, प्रीति लाल,शांतनु गौर,नितीन वर्मा, डा. रंजन कुमार,माधुरी सिन्हा,भूपेश प्रसाद श्रीवास्तव,आलोक सिन्हा, देवांश,डा.आनंदिता सिन्हा,डा.टी.बी.के सिन्हा,विजेता सिन्हा,चंदनश्रीवास्तव,अनिल कुमार दास शामिल रहे।
इस मौके पर जीकेसी राष्ट्रीय संगठन मंत्री शुभ्रांशु श्रीवास्तव,कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष श्रुति सिन्हा, सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय प्रभारी सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. नम्रता आनंद,अन्तरराष्ट्रीयसह-प्रभारी सम्पूर्ण समन्वय समिती तथा अध्यक्ष- संयुक्त अरब अमीरात- दुबई मितेश कर्ण, नेपाल की अध्यक्ष डा.पूनम कर्ण, कला-संस्कृति प्रकोष्ट की राष्ट्रीय महासचिव शिवानी गौर, बिहार के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश महान, बिहार प्रदेश अध्यक्ष कला-संस्कृति दिवाकर वर्मा, कर्नाटक के प्रदेश उपाध्यक्ष उत्कर्ष आनंद समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम के संचालन मेंडिजिटल-कम्युनिकेशन सेल के ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव, राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन श्रीवास्तव , बिहार आईटीसेल के अध्यक्ष आशुतोष ब्रजेश ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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