एक बेहतर आज: कल की कल्पना से परे

एक बेहतर आज: कल की कल्पना से परे

"प्रिय मित्रों हम सभी सदैव एक उन्नत भविष्य के प्रयासरत रहते हैं। लेकिन जब वह समय आता है, तो उसका आनंद लेने की अपेक्षा, हम पुनः एक बेहतर कल की परिकल्पना एवं प्रयास में एक कोल्हू के बैल की तरह जुट जाते हैं। आइए हम अपने आज को बेहतर बनाएं एवं इसके हर क्षण का आनंद उठायें ।"

मानव जीवन में सदैव एक बेहतर भविष्य की कल्पना एवं प्रयास निहित रहता है। हम सभी एक ऐसे जीवन की चाहत रखते हैं जो सुख, समृद्धि और शांति से परिपूर्ण हो। इसी चाहत में हम अक्सर वर्तमान को नजरअंदाज करते हुए भविष्य की चिंता में डूबे रहते हैं।

लेकिन इस प्रक्रिया में हम अक्सर वर्तमान क्षण को भूल जाते हैं। हम "कल" के लिए इतने व्यस्त रहते हैं कि "आज" को जीना भूल जाते हैं। हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इतने जुनूनी होते हैं कि रास्ते में आने वाले सुंदर दृश्यों को नजरअंदाज कर देते हैं।

"आज" को बेहतर बनाना "कल" को बेहतर बनाने का आधार है। जब हम वर्तमान क्षण में खुश रहते हैं, तो हम भविष्य के लिए बेहतर तैयारी कर सकते हैं।

आइए हम "कल" की कल्पना के साथ-साथ "आज" को भी बेहतर बनाने का प्रयास करें।

अंत में, मैं आप सभी को एक बेहतर आज और कल की शुभकामनाएं देता हूं।


. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
 पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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