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अरे जा रे हट नटखट

अरे जा रे हट नटखट

अरे जा रे हट नटखट
रंग लगाऊंगी मैं भी तुम्हें पलट
लाल लाल रंगों से करूंगी तुम्हें सराबोर
तू है बड़ा चितचोर
छोड़ूंगी न तुझे चाहे दे कितना भी गाली रे
मैं हूँ तेरी साली रे .....
न भाग लगा के रंग, तू भी थोड़ा पलट
आज हरा पीला रंग से करूंगा तुझे सराबोर
तू है नार अति चतुर
पर न छोड़ूंगा तुझे चाहे भागो यहाँ वहाँ गली गली रे
मैं जीजा तेरा तू नटखट साली रे....
होली के त्योहार में बिखर जाता चारों ओर
रंग और गुलाल
चाहे सखियां मतवाली हों
चाहे जीजा साली हों
नटखट मन को न पाता कोई संभाल
घर गली होता खूब धमाल रे.....
आज धमाचौकड़ी कर ले तू बेमिसाल रे....
-सविता शुक्ला
मुंबई
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