केंद्र सरकार संवैधानिक प्रक्रिया से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की इच्छाशक्ति दिखाए ! - सद्गुरु निलेश सिंगबाल, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

केंद्र सरकार संवैधानिक प्रक्रिया से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की इच्छाशक्ति दिखाए ! - सद्गुरु निलेश सिंगबाल, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

गोरखपुर - भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित किया जाए इस पर विचार मंथन एवं कार्ययोजना बनाने के उद्देश्य से हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आयोजन गोरखपुर में तारा मण्डल स्थित रजवाड़ा सभागृह मे किया गया | अधिवेशन का शुभारंभ शंखनाद, दीपप्रज्वलन एवं वेदमंत्रपठन से हुआ । हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु निलेश सिंगबालजी ने कहा कि श्रीराम मंदिर मे मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा यह सूक्ष्म स्तर पर हिन्दू राष्ट्र स्थापना का आरंभ है | छद्म धर्मनिरपेक्षता के नामपर गत 70 वर्ष हिंदुओं का हो रहा दमन अब हिन्दू पहचान रहा है तथा हिन्दू राष्ट्र की मांग बढ़ रही है | संवैधानिक व्यवस्था में लोकेच्छा को अर्थात बहुमत को प्रधानता होती है तथा उसके अनुसार लोगों के लिए अभिप्रेत राजतंत्र बनाने का प्रावधान होता है । भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 बी' में ऐसा प्रावधान है; इसलिए केंद्र सरकार संवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की दृढ इच्छाशक्ति दिखाएं ।

इस अधिवेशन में ब्राह्मण विचार मंच के अध्यक्ष अधिवक्ता पंडित शेषनारायण पांडेय, ब्रह्मविद्या संस्थान के धर्मनिष्ठ अधिवक्ता लक्ष्मी शंकर शुक्ला, गोरखपुर ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष श्री. सेतबंध रामेश्वर मिश्र, गायत्री शक्तिपीठ के गोरखपुर अध्यक्ष श्री. ज्योति भूषण राय, शिवराष्ट्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. रितेश आल्हा, चित्रगुप्त सभा के डॉक्टर अजय राय आदि मान्यवरों ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में आनेवाली विभिन्न समस्या एवम उपायों पर उद्बोधन किया ।
अधिवेशन में भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने; लव जिहाद, धर्मांतरण एवं गोवंश हत्या के विरुद्ध कठोर कानून बनाने; हलाल सर्टिफिकेशन पर पूरे देश में प्रतिबंध लगाने; मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त करने; ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ एवं ‘वक्फ’ कानूनों को निरस्त करने; जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने; कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वास आदि विषयों महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव अधिवेशन में पारित किया गया ।

अधिवेशन में मंदिर संस्कृति रक्षा एवं संवर्धन के लिए अधिक से अधिक मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू करने का लक्ष्य निश्चित किया गया है । अधिवेशन में मंदिरों का सरकारी नियंत्रण, मंदिर क्षेत्र में हो रहा भ्रष्टाचार, मंदिरों की परंपराओं में हो रहा सरकारी हस्तक्षेप इसके विरुद्ध मंदिरों को संगठित करने का तथा मंदिर सुप्रबंधन हेतु भविष्य में ‘मंदिर-न्यास परिषद’ निर्माण करने का तय किया गया । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से हिन्दू हित के उपक्रमों को गति प्रदान करने के लिए जिला, राज्य स्तर पर हिन्दू संगठनों का एकत्रीकरण कर ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समितियों’ की स्थापना की जाएगी ।

इस अधिवेशन मे हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी, अधिवक्ता, संतजन, मंदिर न्यासी, उद्योगपति आदि 75 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे ।
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