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इंसान की जिंदगी में

इंसान की जिंदगी में

इंसान की जिंदगी में, कभी थकान नहीं होती,
मायूस होना- थक जाना, पहचान नहीं होती।
आदमी की फितरत होती है, बस रोते रहना,
इंसान की पहचान, कभी मायूसियाँ नहीं होती।
आदमी और इंसान में फर्क, बहुत बड़ा है यारों,
आदमी की जिंदगी में, कभी मुस्कान नहीं होती।
जीता है जो मानवता की खातिर जमाने में,
जिंदगी उस इंसान की, कभी हलकान नहीं होती।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
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