भारतीय नववर्ष
बदलेगा नव वर्ष नया संवत आयेगा,कुदरत में भी रंग नया दिख जायेगा।
चहकें चिड़िया और परिन्दे नीलगगन,
कली- कली पर भौरा रास रचायेगा।
झूमेगी सरसों खेतों में धानी चूनर ओढ़े,
अंकुरित नव पात, पीत पत्र झर जायेगा।
कोयल कुकेगी बागों में, आम वृक्ष बैठी,
शीतल मन्द पवन का झौंका मन हर्षायेगा।
भारतीय नववर्ष विक्रम संवत से प्रारम्भ होता है।
जो कि वर्तमान वर्ष से 57 वर्ष पूर्व से गिना जाता है| इस समय 2023+ 57= 2080 चल रहा है। और शीघ्र ही 2024+ 57= 2081 की शुरुआत होने वाली है। नये संवत का आगाज चैत्र मास यानि लगभग मार्च मे होता है।जब मौसम बदलता है, नयी फसले आती हैं। सर्दी का अन्त होता है। कन्या पूजन नवरात्रो का आयोजन किया जाता है। जब भू गगन वायु अग्नि नीर यानि सम्पूर्ण प्रकृति उत्साह से भर नाच उठती है। वृक्षो से पीत पत्र झर जाते हैं, नयी कोपले फूटती हैं, तब होता है नव वर्ष।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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