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समय का पहिया निरंतर चल रहा है।

समय का पहिया निरंतर चल रहा है।

अवसर मुठ्ठी के रेत जैसा फिसल रहा है।
आज का काम तुम कल पर मत छोड़ो।
अपनी समस्याओं से तुम मुख मत मोड़ो ।
आज किसी और समस्या में उलझे हो।
क्या पता, कल कोई और नयी आएगी।
इस जीवन चक्र में समस्याओं की कमी नहीं।
जब तक जिन्दा हो, ये घटती बढ़ती जाएगी।
समय को पकड़ो, हार मत मानो।
तुम्हें आज इसे करना है , ऐसा दिल में ठानो।
पक्का इरादा हो तो, कोई काम नहीं रुकती है।
हिम्मत और लगन हो तो, समस्याएं भी झुकती है।
बुजदिल इंसान है वो, जो घबरा कर लौट आया।
समय संग निरंतर बढ़ने वाला, सदा ही मंजिल को पाया। 
 जय प्रकाश कुवंर
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