प्रसन्न रहते है
नमन करू में उन सबको
दिया जिन्होंने ज्ञान मुझे।
तब जाकर बन पाया
पढ़ा लिखा इंसान मैं।
अपनी बातों को सदा
लिखकर व्यक्त करता हूँ।
स्नेह प्यार के भावों को
जन जन तक पहुंचाता हूँ।।
जब जब देखा जो भी मैंने
तब तब वो मैंने लिखा है।
लोगों की गलतियों को
लेखनी में उजागर किया है।
सुधार जाये शायद मानव
मेरे लेखों को पढ़कर।
फिर वो भी कहने लगगे
स्नेह प्यार की परिभाषा।।
प्यार मोहब्बत से बढ़कर
जग में कोई चीज नहीं।
समझ सके इंसान अगर तो
इससे बेहतर कुछ और नहीं।
जो भी मिलता जुलता है
ऐसे लोगों से यारों।
हर्षित और प्रसन्नचित होकर
जीते अपना पूरा जीवन।।
जय जिनेंद्र
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com