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होली का रंग

होली का रंग

हर तरफ रंग ही रंग है
मौज मस्ती का दौर है।
यही ही तो यारो
होली का त्यौहार है।
इसमें क्या छोटे क्या बड़े
चेहरे सबके रंगो से रंगे।
और उमंग और खुशीयों से
सभी लोग झूम रहे।।


गिले शिकवे और शिकायते
जो भी थी उन्हें भूल जाते है।
और रंगों के इस त्यौहार पर
दुश्मनों को भी गले लगते है।
और स्नेह प्यार सभी पर
दिल से बहुत लुटाते है।
राधा कृष्ण जैसी जोड़ी
स्वयं को दिखाते है।।


राधा का है रंग और
कृष्ण की है पिचकारी।
लगता है अंग पर रंग
तो अंग खिल उठता है।
और अंग अंग फूलो की
तरह महक उठता है।
जो प्यार मोहब्बत को
दिलों में जगा देता है।।


बुरा न मानों यारो
ये होली है ये होली है।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
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