जाती सही अब नहीं ये जुदाई l
कैसे करूँ मैं तेरी विदाई !क्या थे वे दिन जब मिलन की खुशी थी !
स्वागत में सारी आँखें बिछी थी l
बिछुड़न की कैसी रुत आज आई !
कैसे करूँ मैं तेरी विदाई !
मिलेगा कहाँ अब तेरा सहारा !
रोयेगा रोज अब दिल ये हमारा ll
धड़कन में तेरी यादें समाई l
कैसे करूँ मैं तेरी विदाई !
रूंधा अब गला है डब-डब ये नैनS l
कहाँ तेरे बिन पाऊँ चितचैनS !
रोके नहीं अब रुकती रुलाई l
कैसे करूँ मैं तेरी विदाई !
चितरंजन 'चैनपुरा'
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