जिसे हम सब अपना कहते हैं।
वो मतलब की तलाश में रहते हैं।।हम खुन का रिश्ता ढोते हैं।
वो अलगाव का बीज बोते हैं।।
उनकी इच्छा सब दिए जाओ।
बदले में कड़वा घूंट पिए जाओ।।
इस युग में धन से नाता है।
दुसरा रिश्ता नहीं सुहाता है।।
जिसे भाई सहोदर कहते हो।
इस झूठी गुमान में रहते हो।।
वह दुश्मन सबसे बड़ा हुआ।
है दुर्योधन सा खड़ा हुआ।।
यह राज पाट सब मेरा है।
उसर बंजर ही तेरा है।।
मानो तो क्षणिक भलाई है।
न तो रोज रोज की लड़ाई है।।
दो जून की रोटी छिन गई।
जीते जी जीवन नर्क हुई।।
धन वैभव ही अब नाता है।
इस जग में कुछ न सुहाता है।।
पर भाग कहाँ तुम जाओगे।
दर दर भटकोगे कुछ नहीं पाओगे।
हर तरफ हक की लड़ाई है।
अब नहीं किसी का कोई भाई है।।
अब खुन का रिश्ता किताबों में।
भाई भाई सब ख्वाबों में।।
यदि जीना है तो संघर्ष करो।
अपने बाजुओं पर विश्वास करो।।
कोई धरोहर संपत्ति काम न आएगा।
यह बुरे स्वप्न जैसा रह जाएगा।।
इन सपनों का तुम त्याग करो।
अपना कह कर मत लड़ो मरो।।
मुफ्त का ज्ञान सब बांटेंगे।
रोटी देने के नाम पर कन्नि काटेंगे।।
मानो तो सारा जग अपना है।
तेरा पौरुष छोड़ सब सपना है।।
जय प्रकाश कुवंर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com