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शेरोवाली माँ

शेरोवाली माँ

मेरी शेरोवाली माँ की बत निराली है,
शीश किरीट माँ के होठों पे लाली है।
सारे दुखों को माँ पल में है वारती,
बिगडी सदा से मेरी माँ ही संवारती,
बीच भंवर में मेरी नाव फॅंसी है माँ,
भव से निकाल अब होती जग हंसी है माँ।
भक्तों की तू माँ सदा रखवाली है,
मेरी शेरोवाली माँ की बात निराली है।
हार रही हूँ माँ तू ही सॅंभाल अब,
तेरे सिवा कहाँ माँ कोई दयाल कब,
अब तक सॅंभाली है अब भी सॅंभाल माँ,
तेरी महिमा तो है सबसे कमाल माँ,
अष्टभुजा वाली माँ तू ही बलशाली है,
मेरी शेरोवाली माँ की बात निराली है।
दर पर तुम्हारे माँ आयी मैं जब से,
कष्ट सारे मिट गये मेरी माँ तबसे,
धन वैभव सबकुछ दिया आपने,
कृपादृष्टि रख रक्षा माँ किया आपने,
तू ही लक्ष्मी, दुर्गा तू ही चण्डी काली है,
मेरी शेरोवाली माँ की बात निराली है।
प्रदक्षिणा मिश्रा
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