केश पाश
गुलाबी गुलाबी गालों पे झूलती लटों को चूमतेरतनारे होठों की लालिमा लावण्य देख झूमते
इन गेसुओं को मत कहो ये नटखट बड़े बदनाम ये
है हुस्न की आदत पड़ी ये खुद बड़े गुलफाम ये।।
हैं ढक देते कजरारे अंखियों को अपने पाश से
नजर लगती नहीं उन्हे किसी बिन बुझी प्यास से
दुलार देते हैं संवार देते है शोख नजरों को हर बार ये
समझो बचा लेते हैं ये नाजुक कली को दस्ते खार से।।
इठलाती कमरिया जब जब उद्दाम उच्श्रंखल है हुई
कहती बुलाती पराई आंख को अपने पाश मोह में
तब ये ही ताने बाने बुनती घने चिकुर के जाल से
थप थपाकर कर करें मना बताती हया का है सवाल ये।।
प्रेमियों ने रिझाया प्रिया को उनके कुंतल जाल से
कसीदे पढ़ पढ़ के लुभाया, फेंका जाल है कमाल ये
शोख लटें भी शरमाई सुन सुन के अपनी तारीफ यूं
बस गया घर किसी का हंसी खुशी बस इतनी सी बात से।।
खुशबू फूल की इन्होंने समेटीं जब वो जूडे में सजीं
बिखरीं गर कहीं तो जाने कितने दिल घायल कर गईं
ये वो तुर्श शै है मिसर जो नारी को पूर्ण कर गईं
उसके रूप में श्रृंगार में चार चांद जड़ गईं।।-
मनोज कुमार मिश्र
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com