इंसानियत का संबर्द्धन है बौद्धिक संपदा

इंसानियत का संबर्द्धन है बौद्धिक संपदा

जहानाबाद। विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के अवसर पर साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि इंसानियत का संबर्द्धन बौद्धिक संपदा है । बौद्धिक संपदा को संरक्षण और संबर्द्धन से बौद्धिक क्षमता।का विकास संभव है । प्रत्येक वर्ष 26 अप्रील को बौद्धिक संपदा का अधिकार नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं। विश्व आईपी दिवस नवाचार को बढ़ावा और हरित भविष्य बनाने के प्रयासों का समर्थन करता है । विश्व बौद्धिक संपदा दिवस बौद्धिक संपदा कार्यालयों, अन्वेषकों और उद्यमों, उभरते विभिन्न नवाचारों के बारे में चर्चा करने और एक-दूसरे से जुड़ने का अवसर प्रदान कर मदद और लोगों के जीवन को भी बेहतर बनाता है। महिलाएं और बौद्धिक संपदा नवाचार और रचनात्मकता में तेजी' पीढ़ियों से, महिलाओं ने अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता से हमारी दुनिया को आकार दिया है । महिलाएं और युवा वर्ग साहित्यकार व इतिहासकारों और वैज्ञानिक सफलताएं हासिल कर रचनात्मक रुझान स्थापित , व्यवसायों का निर्माण करविश्व को बदल रही हैं। डब्ल्यूआईपीओ के महानिदेशक फ्रांसिस गुर्री का विश्व बौद्धिक दिवस संदेश में "एक साथ मिलकर हम एक हरित, उज्जवल और अधिक टिकाऊ भविष्य के लिए नवाचार कर सकते हैं।"विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 2019 का विषय "सोने तक पहुंच: आईपी और खेल" है। 2019 की थीम खेल की दुनिया पर केंद्रित है। यह पता लगाता है कि कैसे नवाचार, रचनात्मकता और बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकार जो उन्हें प्रोत्साहित और संरक्षित करते हैं, खेल के विकास और विश्वव्यापी आनंद का समर्थन करते हैं। यह दुनिया भर में सभी खेल आयोजनों के वित्तीय मॉडल को सशक्त बनाएगा। आईपी ​​अधिकार वैश्विक खेल पारिस्थितिकी तंत्र और सभी व्यावसायिक संबंधों के केंद्र में हैं जो खेलों को आगे बढ़ाते हैं और हमें खेल गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति भी देते हैं। यह आईपी कार्यालयों, अन्वेषकों और उद्यमों को एक-दूसरे से जुड़ने और चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है कि कैसे आईपी उन नवाचारों के विकास में योगदान देता है जो हमारी दुनिया को आकार देते हैं और जीवन को बेहतर बनाते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि खेल उद्योग अब विकसित हो गया है। यह न केवल मनोरंजन प्रदान करता है बल्कि रोजगार का एक स्रोत भी है जहां लाखों लोग कार्यरत हैं। बौद्धिक संपदा अधिकारों पर बने व्यवसाय के रिश्ते खेल के आर्थिक मूल्य को सुरक्षित करने में मदद करेंगे। संतुलित और सुलभ अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रणाली विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध रचनात्मकता को पुरस्कृत कर नवाचार को प्रोत्साहित और सार्वजनिक हित की रक्षा करते हुए आर्थिक विकास में योगदान देती है। अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा संगठन के सदस्य देशों ने 26 अप्रैल 1970 को स्थापित कर कन्वेंशन लागू हुआ था । व्यवसाय या कानूनी अवधारणा के रूप में बौद्धिक संपदा और लोगों के जीवन की प्रासंगिकता के बीच अंतर को कम करना हैं।विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की उत्पत्ति 1883 में औद्योगिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए पेरिस सम्मेलन के दौरान 14 देशों ने औद्योगिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए थे ।आविष्कारों, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिजाइनों के लिए बौद्धिक संपदा सुरक्षा प्रदान की गई थी । औपचारिक रूप से विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना करने वाले सम्मेलन द्वारा 26 अप्रैल, 1970 को लागू हुआ। विश्व में बौद्धिक संपदा की 1974 में संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी बन गई है।सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बौद्धिक संपदा का उपयोग करने के लिए, सरकारी निकायों, गैर-सरकारी संगठनों और व्यक्तियों के साथ सहयोग करता है। स्वंर्णिम कला केंद्र की अध्यक्षा उषा किरण श्रीवास्तव ने कहा कि बौद्धिक संपदा का संरक्षण एवं संबर्द्धन के लिए सरकार एवं समाज लेखकों साहित्यकारों , इतिहासकारों एवं , सांस्कृतिक विरासत को संरक्षण एवं संबर्द्धन हेतु कार्य करती है तभी बौद्धिक संपदा संरक्षित होगी ।

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