हमारा राजस्थान

हमारा राजस्थान

पीड़ा का तुम समुंदर हो
दर्द की लहरे भी तुम हो।
अरे तुम जाने तुम्हारा काम।
हम तो कहेंगे सबको राम राम राम।।


अगर हो हौसले बुलंद
तो बुलंदी को छू लेंगे।
रहेगा साथ आप सबका
तो आकाश को छू लेंगे।
और राजस्थान का नाम
महाराष्ट्रा में अमर कर देंगे।।


सच में गर्व होगा तुम्हें
अपने राजस्थानी होने पर।
जब तुम सफलता के झंडे
फहरा दोगे देश के हर कोने में।।


हम राजस्थान वालों ने
बहुत कुछ खोकर पाया है।
अपनी मेहनत लगन के
बल बूते पर ।
तभी तो पत्थरो में से पानी
निकाल दिया हम लोगो ने।।


बड़ा ही सुंदर और प्यारा है
देखो हमारा राजस्थान।
कला संस्कृति का देखों
कितना भरा है भंडार।।




कितने प्यारे कितने न्यारे
नर नारी है राजस्थान के।
मिल जुलकर कैसे रहते
देखो पूरे भारत देश में।
इसलिए तो मना पा रहे है
आज राजस्थान महोत्सव को कल्याण में।।


स्वर ताल संगीत के
तो सब दिवाने है।
खूब सूरती के भी
लोग पूजारी है।
इसलिए मर मिटते है
आज कल हुस्न पर।
जो आज नजर आ रहा है
राजस्थान महोत्सव के मंच पर।।


हम राजस्थानियों का
कहना ये होता है की।
छोटा हों या हो बड़ा
आपस में हो प्यार।
दिलमें हो सद्भावना
बड़े दिनों दिन प्यार।।


जय राजस्थान के नारों से
कैसे गूँज उठा भवानी लान।
क्योंकि इसमें दिखाने जा रहे
लोक कला संस्कृति को आज।।




गूंज उठा है जय करो से
देखो कैसे भवानी लान।
क्योंकि इसमें दिखाने जा रहे
राजस्थान की लोक कला को।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
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