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"मुहब्बत का नशा"

"मुहब्बत का नशा"

इन गुज़रते पलों की तरह
एक दिन हम भी गुज़र जाएंगे,
छोड़ जायेंगे तुम पर
अपनी छाप इस क़दर
कि देखोगे आईना जब भी
तुम्हें हम ही नज़र आएंगे
तेरे ख्यालों में खोए रहेंगे,
तेरी यादों में जीएंगे,
तेरे सपनों में आएंगे,
तेरे दिल में बस जाएंगे
तेरी हर सांस में हम होंगे,
तेरे हर पल में हम होंगे,
तेरे हर एहसास में हम होंगे,
तेरे हर ख्वाब में हम होंगे
दूर रहकर भी करीब रहेंगे,
मोहब्बत की डोर से बंधे रहेंगे,
तेरे दिल की धड़कन में हम होंगे,
तेरी रूह में हम होंगे
इन गुज़रते पलों की तरह
एक दिन हम भी गुज़र जाएंगे,
लेकिन तेरे दिल में हमेशा रहेंगे,
तेरी यादों में हमेशा रहेंगे


. स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित
पंकज शर्मा (कमल सनातनी)

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