11 वें वर्ष में प्रवेश किया राष्ट्रीय मासिक पत्रिका “दिव्य रश्मि” - एक संक्षिप्त परिचय

11 वें वर्ष में प्रवेश किया राष्ट्रीय मासिक पत्रिका “दिव्य रश्मि” - एक संक्षिप्त परिचय

दिव्य रश्मि के उपसम्पादक  जितेन्द्र कुमार सिन्हा की कलम से |

राष्ट्रीय मासिक पत्रिका “दिव्य रश्मि” 28 मई, 2024 को अपने नियमित प्रकाशन का 10 वर्ष पूरा कर 11 वें वर्ष में प्रवेश करेगा। पत्रिका का प्रकाशन जून, 2014 को शुभारंभ हुआ था और पत्रिका समाज की चिंता, देश में सनातन कायम रखने की प्रयास, समाजसेवियों के माध्यम से आध्यात्मिक चेतना और मंगलभाव जागृत करने की बीड़ा उठाय हुए है।

देश के हिन्दुओं के लिए और धार्मिक माताओं के लिए यह पत्रिका शिक्षा, धर्म, राजनीतिक, एवं समाज की खबरों से परिपूर्ण रखता है। पत्रिका पौराणिक यात्राओं, खोजी आलेख, सरकार की उपलब्धि, समसामयिक घटनाओं, ज्योतिष, महीनों के व्रत हिन्दू संस्कृति आदि से सम्बंधित आलेख और समाचारों से भरा पडा रहता है।

पत्रिका का प्रत्येक अंक का कवर पृष्ठ रोचक और आलेख पठनीय रहता है। देखा जाय तो पत्रिका ने “सूर्य मंदिर” से अपनी कवर पेज की यात्रा शुरू किया था। उसके बाद आलेखों में दुर्लभ संत, इतिहास की भयंकर भ्रान्ति, पृथ्वी-सूर्य-चन्द्र आदि की उत्पत्ति, मौन व्रत की महिमा, हिंदुओं का चिंतन, जातकर्म संस्कार, सीमन्तोन्नयन संस्कार, पुंसवन संस्कार, कर्णवेध संस्कार, गोवा विधर्मियों का नहीं, भारतीय इतिहास, क्या सावरकर जी ने माफ़ी…., क्या आप पत्रकार है, विद्यारंभ संस्कार, रथसप्तमी, मुंडन संस्कार, अन्नप्रासन, सूर्य और सात घोड़े, कृष्ण लीलाओं में छिपा संदेश, नौ रूपों में माँ दुर्गा की महिमा, भगवान स्वामी नारायण, स्वामी विवेकानन्द आध्यात्मिक गुरु, शिव पार्वती संवाद, देश प्रथम होता है धर्म नही, योग में छिपा है जीवन का रहस्य, जगत जननी आदिशक्ति योनिरुपाय कामाख्या देवी, हनुमान जी अमर कैसे, भगवान परशुराम, आदि शंकराचार्य, चक्रवर्ती सम्राट शिवाजी एवं भगवान बुद्ध जैसे मत्वपूर्ण शीर्षकों से प्रकाशन किया जा चुका है, जिसमें गूढ़ बातों की जानकारी मिलती है।

दिव्य रश्मि पत्रिका पवनसुत सर्वांगीण विकास केन्द्र के स्वामित्व में डॉ राकेश दत्त मिश्र के संपादन में नियमित प्रकाशन हो रहा है। जबकि इसके संस्थापक स्व० सुरेश दत्त मिश्र थे।

सम्पादक डॉ० राकेश दत्त मिश्र के साथ सम्पादक मण्डल में जितेन्द्र कुमार सिन्हा, प्रेम सागर पाण्डेय और सुबोध कुमार सिंह शामिल हैं। वही पत्रिका के सलाहकार समिति में डॉ० सच्चिदानंद “प्रेमी”, आचार्य राधा मोहन मिश्र “माधव”, मार्कण्डेय शारदे, अरविंद पाण्डेयऔर कमलेश पुण्यार्क “गुरु जी” हैं।


दिव्य रश्मि पत्रिका के नियमित प्रकाशन में सक्रिय सहयोगी पत्रकारों में जमशेदपुर से श्रीनिवास सिंह, लखनऊ से दिलीप कुमार, औरंगाबाद से अरविंद कुमार अकेला, सारण से डॉ० मुकेश कुमार साह, राजधानी पटना से रवि शेखर सिन्हा, अखिलेश पाण्डेय, सुबोध कुमार सिंह “राठौर”, विकास कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, राकेश कुमार गुप्ता, नीरज पाठक और फोटोग्राफर पप्पू सिंह है। विधि परामर्शी सह पत्रकार में संजीव कुमार और लक्ष्मण पाण्डेय शामिल हैं।

दिव्य रश्मि पत्रिका के सम्पादक डॉ० राकेश दत्त मिश्र ने अपनी भाईचारा और प्रेम का उद्दमपरिचय देते हैं और पत्रिका से जुड़े सभी सदस्यों को एक सूत्र में पियोये रखते है, जिसके कारण पत्रिका समूह के लोग पत्रिका के लिए पूरी लगन, निष्ठा और सहयोग के साथ समर्पित होकर कार्यरत है। दिव्य रश्मि पत्रिका संगठन, पवनसुत सर्वांगीण विकास केन्द्र के सहयोग से प्रत्येक वर्ष अपनी स्थापना दिवस के अवसर पर विनायक दामोदर सावरकर जी की जयंती मनाती है और उनकी जीवनी पर, उनके देश के प्रति समर्पित भावनाओं पर, गहराई से प्रकाश डालते है और आगंतुक अतिथियों और पत्रिका के प्रति अच्छे योगदान के लिए हौसला अफजाई करने के उद्देश्य से पत्रकारों को सम्मानित भी करते है।
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